एक शाम दोस्तों के संग
मिला नही था जो दोस्तों से,
मिल नही रही थी मुझे कोई प्रेरणा,
केहने को नही थे मेरे पास शब्द,
टूटा था में भिखरा था में,
ना जाने क्या खोजता था में,
सुनसान थी ये राहे,
मंज़िले जाती दिख रही थी दूर कुछ इस कदर,
आई आज ललाहत जीवन मे,
मिला जो आज में तुमसे दोस्तों,
आई एक जीवन मे उमंग, लगा मिला हो जैसे किनारा प्यासे को,
जागा सोया हुआ वो पल,
मिला जो में आज दोस्तों से,
आई जीवन मे एक उमंग,
मिला किनारा प्यासे को,
जागा सोया हुआ वो पल,
जुड़ा हुआ में तुमसे दोस्तों,
जैसे जुड़ी डोर से एक पतंग,
लहराता हु में हवा में,
तुम जो हो मेरे संग।*(दोस्त वो है जो जाने तुम्हारे हर राज़, लंबी उम्र हो तुम्हारी, करता हु ये अरदास।)*
Rakashas
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2022
3 June 2022
Aloof
Aug 2022
Friendship
Hindi
My friend left
poem by Rakashas
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