Dosti poem in Hindi | Rakashas

 

एक शाम दोस्तों के संग

Dosti me dhoka shayari



मिला नही था जो दोस्तों से,
मिल नही रही थी मुझे कोई प्रेरणा,
केहने को नही थे मेरे पास शब्द,
टूटा था में भिखरा था में,
ना जाने क्या खोजता था में,
सुनसान थी ये राहे,
मंज़िले जाती दिख रही थी दूर कुछ इस कदर,

Dosti dhoka shayari

 

आई आज ललाहत जीवन मे,
मिला जो आज में तुमसे दोस्तों,
आई एक जीवन मे उमंग, लगा मिला हो जैसे किनारा प्यासे को,
जागा सोया हुआ वो पल,
मिला जो में आज दोस्तों से,
आई जीवन मे एक उमंग,
मिला किनारा प्यासे को,
जागा सोया हुआ वो पल,
जुड़ा हुआ में तुमसे दोस्तों,
जैसे जुड़ी डोर से एक पतंग,
लहराता हु में हवा में,
तुम जो हो मेरे संग।

*(दोस्त वो है जो जाने तुम्हारे हर राज़, लंबी उम्र हो तुम्हारी, करता हु ये अरदास।)*


Rakashas

Rakashas

I started my journey 28 years back, when I visited the world, I was unaware about the beauty of nature and hidden secrets of life, than I meet my other half, magic happened when we quarrelled one day, that day I discovered writing as one of my skills. I am all time engineer, a youtuber and a lot more.

Post a Comment

Please motivate us. If you like it, do leave a comment below.

Previous Post Next Post