ऐ दोस्त तुझे मिट्टी बनते देखा
ऐ दोस्त,
रूह देखी सुर्कियो में तेरी,
मिट्टी में मिलता है शरीर, देखा है तेरा,
वीरान जंजीरे में सुर्ख होते देखा था,
साये को तेरी मौत पे तेरे से अलग होता देख था।
विसर्जीत करा था हमने तुझे खयाल से,
खयाल से समुद्र में दर्द में डूबते हुए,
करवट बदल रहा था दर्द सीने में,
की मेरी भी आंखें छलक गई जब तुझे मौत के करीब जाते देखा।
पलके खुली थी तोह आंखों से छलक गए थे अस्सु,
जो नींद में खोई हुई रहती थी,
खुदको अस्सुओं में तैरते हुए देखा था,
तेरी रूह को कोहरे में जाते हुए देखा था।
दोस्ती का मैदान खाली हुआ था,
जब ना कंधा दिया तेरेको तेरे जाने के बाद,
ठंडा हुआ था शरीर तेरा ऐ दोस्त,
उस रात तू सुकून से सोया था,
तुझे खुद से दूर, तुझे नील में मिलता देखा था।
-रकाशस
Jane vale vapis sath Chalne k liye nhi aate, Khud hi aage bdte hue Jindgi ka safar Pura krna hota hai ki , aage bdo aur duniya ko kuchh kr k dikhayo aur Apna naam Kmayo, har har mahadev
ReplyDeleteZindagi k safar m guzar jate hain jo mukaam vo fir fir nahi aate ...🙏👆🏿
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