Gulzar ka andaaz- तेरी रूह न देखी, पर तेरे जाने के बाद लिखा है कलम से गम मेरा (Rakashas)

 

Gulzar ka andaz-Rakashas

रूह न देखी ना महसूस की है, सांस के जाने से दूरी महसूस की हैं,

कि दर्द बड़ा था प्यास में उसकी, उसी में देखा हुआ दर्द महसूस किया है।


झील पे जब रात चुस्कियां लेती है, वो आहत सुनी है, 

हमने तुझसे दूर जाने की बात सुनी हैं, कि ना वापिस आने की बात सुनी है।


भागते हुए चाँद को देखा है, जिस्म को चाँद में ढलते देखा है,

मिट्टी होता है शरीर चाँद का, ये जंजीरा अपनी आंखों से देखा है।

Gulzar ka andaz- Rakashas

Chand Shayari Gulzar | Rakashas 


सुर्ख सुनहरी हवा को रंग बदलते देखा है, तुझे झरने से बहता देखा है,

काजल सजाती थी जो पलकें उसकी याद में, उस याद को टूटते हुए देखा है।


पहले से क्या लिखा था, कि फसलें बर्बाद होते देखी हैं,

सूरज को डूबता हुआ, तारों को मरता हुआ देखा है।


उसको रुकसद होता हुआ देखा है, उसकी आँखें छलकती हुई देखी हैं,

उसे हमारे शायरी के लिखे पन्नों को फाड़ते हुए देखा है, खुद को सच्चे प्यार में मघ्यम होते हुए देखा है।

Rakashas

I started my journey 28 years back, when I visited the world, I was unaware about the beauty of nature and hidden secrets of life, than I meet my other half, magic happened when we quarrelled one day, that day I discovered writing as one of my skills. I am all time engineer, a youtuber and a lot more.

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